
श्री हनुमान चालीसा
🙏 श्री हनुमान चालीसा श्री हनुमान चालीसा दोहाश्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार॥ चौपाईजय हनुमान ज्ञान गुण सागर।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥राम दूत अतुलित बल धामा।अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के…